संसद में बैठे उम्रदराज
कर युवाशक्ति को नजरंदाज़
60 साल के ऊपर हो गए
पर है घोटालों के सरताज।
संसद को बना मैदान-ए-जंग
लड़ते-भिड़ते हैं सांसद
देश से मतलब कुछ भी नहीं
बस प्यारा है उन्हें अपना पद।
लोकतंत्र को कर बेहाल
बन रहे हैं ये मालामाल
इनकी भूख कभी ना मिटती
चाहे देश में पड़ जाये अकाल।
लकीर के फ़कीर बने रहेंगे
वोट बैंक के खातिर
नहीं बदलेंगे नियम कानून
देखो कितने शातिर।
बूढ़ी संसद, बूढ़े सांसद
बदलाव ना होता कुछ भी यहाँ
दो पैसे में बिकता है
जमीर और ईमान जहाँ।
Monika Jain 'पंछी'
कर युवाशक्ति को नजरंदाज़
60 साल के ऊपर हो गए
पर है घोटालों के सरताज।
संसद को बना मैदान-ए-जंग
लड़ते-भिड़ते हैं सांसद
देश से मतलब कुछ भी नहीं
बस प्यारा है उन्हें अपना पद।
लोकतंत्र को कर बेहाल
बन रहे हैं ये मालामाल
इनकी भूख कभी ना मिटती
चाहे देश में पड़ जाये अकाल।
लकीर के फ़कीर बने रहेंगे
वोट बैंक के खातिर
नहीं बदलेंगे नियम कानून
देखो कितने शातिर।
बूढ़ी संसद, बूढ़े सांसद
बदलाव ना होता कुछ भी यहाँ
दो पैसे में बिकता है
जमीर और ईमान जहाँ।
Monika Jain 'पंछी'